” कितनों के साथ तुमने मुझे सोते देखा है । “
" क्या लगता है तू मेरा ,बाप है , भाई है , खसम है या मेरा दलाल है । किस रिश्ते से तू मेरा character certificate issue करता फिर रहा है । मेरे बाप भाई को भी नहीं पता होगा मैं कितनों के साथ सोई हूं , फिर तुझे कैसे पता , साले, दलाल है क्या तू मेरा , मेरी चादर से रेजगरियां बटोरता फिरता है तू , बता सबको कमीन तुझे कैसे पता । और तू जो कहता फिरता है की मेरा इस ऑफिस में कईयों के साथ चक्कर था , तो भड़वे तेरा क्यूं नहीं था , तेरी टांगों के बीच में मांस का वो लोथड़ा नहीं है जो तुम सबको मर्द बनाता है । " ऑफिस के सारे स्टाफ को जैसे सांप सूंघ गया था । read more in blog
एक सच और इंतज़ार
" मैं हूं तेरा सच , इसके आगे तू बता क्या सच जानना है तुझे , इसका मतलब तुझे अपने इस सच पर भरोसा नहीं , तुझे भी सिर्फ एक नाम चाहिए सच की जगह । और बेटा मुझे अपने सच को किसी कटघरे में खड़ा कर के उसे साबित करने के लिए गवाही नहीं देनी कोई जिरह बहस नहीं करनी । बाकी तेरी मर्ज़ी । तुझे जन्म देना मेरी सच्चाई थी मेरी मर्ज़ी , बाकी तू जो भी समझना चाहता है समझ सकता है ।" उसने अम्मा की तस्वीर को सीधा करते हुए कहा । तस्वीर में भी अम्मा की आंखों में सिर्फ ममता थी कोई सवाल नहीं ।read more in lamhe zindagi ke