इक बार हर गिला भूल कर आना
इक बार हर गिला भूल कर आना , पलकों पे हर हक़ रोक कर आना , शर्त इतनी है बस तुम्हें लौट के जाना होगा एक बार फिर बस दिल तोड़ के जाना ।
Continue Reading
इक बार हर गिला भूल कर आना
एक बार जिस्म को
एक बार जिस्म को रूह की मोहब्बत से कुछ यूँ गिला हुआ “ख़ाक हो जाता हूँ मैं तुझे तो नया जिस्म मिल जाता है ।”
Continue Reading
एक बार जिस्म को
आज कुछ सड़कों ने करवटें ली हैं
इन पन्नों में जो भी कुछ हैं उन्हें कविता तो नहीं कहा जा सकता, बस कुछ पल हैं जो सुस्ताने को ठहर गए हैं।
Continue Reading
आज कुछ सड़कों ने करवटें ली हैं