” मृत्यु को जीवन का अंत समझ लेना हमारे अंदर मृत्यु के प्रति भय को जन्म देता है ,
और इस भय से होती है मोह की उत्पत्ति ,
और मोह से उत्पन्न होती है कर्मों की उलटी गिनती “
Hindi Poetry by Nikhil Kapoor
Blog: Lamhe Zindagi Ke
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