प्यार खत्म क्यूं हो जाता है ?
” इतना प्यार था हम दोनों के बीच पता नहीं क्या हो गया है ? जाने वो प्यार कहां खो गया है ।”
” प्यार पता ही नहीं चला हमारे रिश्तों के बीच से जाने कहां फुर्र हो गया ? ”
” जन्म जन्म का प्यार किताबी बातें हैं सारी , प्यार व्यार कुछ होता ही नहीं है । “
” शादी प्यार का ही नाम है शायद ?”
” प्यार तो शादी के बाद अपने आप ही हो जाता है !”
कई बार लगता है सबके पास प्यार को लेकर कोई ना कोई सवाल है । जवाब कोई नहीं , या शायद जवाब खोजने की कोशिश ही नहीं की । बस मान लिया खत्म हो गया ।
जैसे प्यार ना हुए शक्कर का डिब्बा हो गया , जिस स्पीड से इस्तेमाल किया उस स्पीड से खत्म ।
प्यार ना हुआ टेलकम पाउडर हो गया , जिस तेजी से थके जिंदगी की तेज दौड़ में , उस तेज़ी से पसीना आया और टेलकम की खुशबू ….. उरण छू ।
क्या हमें सच में कभी प्यार हुआ है , या सच में आज की जनरेशन में किसी को प्यार होता है । अजीब बात है ना लैला मजनू , शीरी फरहाद , रोमियो जूलियट की कहानियां सुनने सुनाने वाला आज कह रहा है प्यार था तो जाने कहां गया ।
कुछ दिनों पहले एक दोस्त से मुलाकात हुए , मैंने बातों बातों में उससे पूछ लिया ” कैसी चल रही है तेरी लव स्टोरी “
” कैसी क्या , शादी कर ली उससे ,अब बस जिंदगी चल रही है ।” उसने नॉर्मल वे में जवाब दिया ।
मैंने अपनी डायरी में एक नोट लिखा
” शादी से पहले जो प्यार होता है शादी के बाद वो प्यार नहीं रहता वो जिंदगी हो जाता है ।”
आपके लिए ये थी ……..
सोच नंबर वन
सोचिए, सोचिए खूब सोचिए और बताइए क्या आपके साथ यही हुआ है ।चलिए फिर मिल कर खेलते हैं
“प्यार का ट्रेजर हंट । या प्यार की भूल भुलैया ।
“तैयार है आप ………
Hindi Poetry by Nikhil Kapoor
Blog: Lamhe Zindagi Ke